आनृशंस्यमनुक्रोशः श्रुतं शीलं दमः शमः।
राघवं शोभयन्त्येते षड्गुणाः पुरुषोत्तमम्॥
संक्षिप्त आत्म परिचय
रविंद्र सिंह सूर्यवंशी पुत्र श्री रामनाथ सिंह सूर्यवंशी उम्र 45 वर्ष गांव व्योधा, पोस्ट शेरगढ़,
जिला बरेली पत्रकार-लेखक, "लेखक का गोत्र इच्छबाकू है तथा भगवान श्री राम के वंशज हैं, श्री राम की मर्यादा और
आदर्श के मार्ग को अपनाते हुए पत्रकारिता की नई विधा की शुरुआत की है."
संक्षिप्त कार्य विवरण :
खोजी पत्रकारिता, समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पत्रकारिता के द्वारा भ्रष्ट तंत्र की कारगुजारियों के तथ्यपूर्ण
अन्वेषण करना
विश्व स्तर की सर्वोच्च भारतीय किसानों की सहकारी संस्था में व्याप्त भयानक भ्रष्टाचार, अनियमित्ताओं एवं विधि विरुद्ध
भ्रष्ट प्रबंधन तंत्र द्वारा इफको पर सहकारिता माफिया डॉ यू एस अवस्थी और उनके गिरोह द्वारा अवैध कब्ज़ा कर अरवों की
संपत्ति अर्जित करना, विदेशों में भ्रष्टाचार से अर्जित अकूत धन जमा करना, लेखक द्वारा अन्वेषण कर अमेरिका के वाटरगेट,
और भारत के कोलगेट, 2G घोटाले से बड़े इफको घोटाले पार “इफको किसकी” शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक में तथ्यपूर्ण प्रयास के
साथ भ्रष्टाचार का खुलासा करना। लेखक की पुस्तक “इफको किसकी” की 31 सीरीज़ में देश की प्रसिद्ध बेवसाइट भड़ास मिडिया ने
प्रकाशन किया है।
इफको और सरकारी तंत्र की सांठ-गांठ और भ्रष्टाचार तथा सरकार के मंत्रियों,
वरिष्ठ आईएएस लाबी और अन्वेषण करने वाली एजेंसी द्वारा अपने पुत्र-पुत्री को उच्च पदों पर इफको में
नौकरी दिलाने का भी खुलासा किया गया है।
लेखक की इस पुस्तक में दिए गए प्रमाणों तथ्यों पर सरकार के ध्यान न देने पर माननीय
सर्वोच्च न्यायलय में रिट पिटीशन सिविल 101 /2019 रविंद्र सिंह वनाम यूनियन ऑफ इंडिया दिनांकित 8
फरवरी 2019, यूनियन ऑफ इंडिया सीबीआई को आदेश निर्गत किये परिणाम स्वरुप सीबीआई ने जाँच उपरांत
एफआईआर बुक न.790, दिनांक 17. 5. 2021 दर्ज़ की। जिसके विरुद्ध उच्च न्यायलय दिल्ली में गिरफ़्तारी से
बचने के लिए स्टे ले लिया जो आज भी लंबित है। इधर सीबाईआई ईडी भी कुछ नहीं कर पा रही है।
लेखक ने इफको में भ्रष्टाचार की तह तक पहुंचने का प्रयास किया है की इफको प्रबंध निदेशक बनने के
लिए यू एस अवस्थी ने किन-किन उपकरणों का उपयोग किया है। उन्होंने 1 फरवरी 1993 में कांग्रेस सरकार में प्रबंध निदेशक
की कुर्सी हथिया ली डॉ अवस्थी ने भ्रष्टाचार के तमाम आयामों को पीछे छोड़ते हुए 2500 करोड़ की धनराशि से इफको संयंत्रों
के विस्तारीकरण में कमीशन के रूप में सैकड़ों करोड़ खाए और अपने कांग्रेसी आकाओं को भी खिलाए। सन 1997 में अवस्थी और
इनके 8 सहयोगी के यहाँ आईटी की रेड हुई गुरु अवस्थी को राकेश कपूर ने पहले ही खबर दे दी। जिससे उन्होंने अमेरिकी डालर
हटा दिए लेकिन सहयोगी इंद्रजीत ओहरी के घर लाखों के डालर पकडे गए वे कहां गए राकेश कपूर जानते हैं इसके बाद राकेश कपूर
को इफको में संयुक्त प्रबंध निदेशक बना दिया गया और वे आज भी अपने पद पर विराजमान हैं अमेरिका में वाटरगेट घोटाला में
वहां के राष्ट्रपति को अपना
पद छोड़ना पड़ा परन्तु भारत में इतने बड़े घोटाले में फंसने के बाद भी यू एस अवस्थी अपने पद पर बने हुए हैं ?